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Aksharon Ki Azmat/अक्षरों की अज़मत

Aksharon Ki Azmat/अक्षरों की अज़मत

Amrita Pritam/अमृता प्रीतम
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Paperback / Hardback

’अक्षरों की अज़मत’ विभिन्न मंच, समागम, साहित्यिक महोत्सव के साथ-साथ देश के बाहर सरजमीं पर दी गई वे तकरीरें हैं, जो यादगार बन गई हैं। किताब का संपादन इमरोज़ ने किया है। एक ओर अमृता की तकरीरें हमें नया रास्ता-नई सोच की ओर अग्रसर तो करती ही है, तो साथ ही साथ जब इमरोज़ के स्केचेज जब तकरीरों के अंत में दिखता है तो कहीं न कहीं उनमें वह नई जान आ जाती है। हर तकरीर के खत्म होने के साथ दिए गए स्केच काबिले-तारीफ़ हैं। हर बार अमृता को पढ़ते हुए हम कहीं न कहीं अंदर से फ़िल्टर होते हैं और पाठक के तौर पर आसमान तो बड़ा होता ही है, जिसमें हम परिंदों की भांति बहते हैं। इस भेड़चाल के दौर में इनके तकरीरों से गुज़रना हमें मुहब्बत और आदमियत के और करीब ले जाता है। 

Imprint: Penguin Swadesh

Published: Mar/2024

ISBN: 9780143467250

Length : 196 Pages

MRP : ₹199.00

Aksharon Ki Azmat/अक्षरों की अज़मत

Amrita Pritam/अमृता प्रीतम

’अक्षरों की अज़मत’ विभिन्न मंच, समागम, साहित्यिक महोत्सव के साथ-साथ देश के बाहर सरजमीं पर दी गई वे तकरीरें हैं, जो यादगार बन गई हैं। किताब का संपादन इमरोज़ ने किया है। एक ओर अमृता की तकरीरें हमें नया रास्ता-नई सोच की ओर अग्रसर तो करती ही है, तो साथ ही साथ जब इमरोज़ के स्केचेज जब तकरीरों के अंत में दिखता है तो कहीं न कहीं उनमें वह नई जान आ जाती है। हर तकरीर के खत्म होने के साथ दिए गए स्केच काबिले-तारीफ़ हैं। हर बार अमृता को पढ़ते हुए हम कहीं न कहीं अंदर से फ़िल्टर होते हैं और पाठक के तौर पर आसमान तो बड़ा होता ही है, जिसमें हम परिंदों की भांति बहते हैं। इस भेड़चाल के दौर में इनके तकरीरों से गुज़रना हमें मुहब्बत और आदमियत के और करीब ले जाता है। 

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Amrita Pritam/अमृता प्रीतम

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