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अपराधी एक ऐसा उपन्यास है, जिसमें पराधीन काल में पुलिस द्वारा रस्सी का साँप बनाए जाने की गाथा उकेरी गई है। यह ठाकुरों के जमाने की कहानी है। इसमें ठाकुरों की ईर्ष्या, द्वेष का भी चित्रण है और पुलिस की मनमानी और सज्जन आदमी को भी अपराधी ठहराने के हथकंडों की दास्तान है। यह पुस्तक रोंगटे खड़े कर देने वाली ऐसी कहानी बयां करती है, जिसे पढ़कर हर कोई सिहर उठेगा। लेकिन एक बार पढ़ना शुरू करेगा तो पाठक इसे पढ़कर ही दम लेगा।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Oct/2024
ISBN: 9780143471424
Length : 160 Pages
MRP : ₹199.00
Imprint: Audiobook
Published:
ISBN:
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Oct/2024
ISBN:
Length : 160 Pages
MRP : ₹199.00
अपराधी एक ऐसा उपन्यास है, जिसमें पराधीन काल में पुलिस द्वारा रस्सी का साँप बनाए जाने की गाथा उकेरी गई है। यह ठाकुरों के जमाने की कहानी है। इसमें ठाकुरों की ईर्ष्या, द्वेष का भी चित्रण है और पुलिस की मनमानी और सज्जन आदमी को भी अपराधी ठहराने के हथकंडों की दास्तान है। यह पुस्तक रोंगटे खड़े कर देने वाली ऐसी कहानी बयां करती है, जिसे पढ़कर हर कोई सिहर उठेगा। लेकिन एक बार पढ़ना शुरू करेगा तो पाठक इसे पढ़कर ही दम लेगा।
आचार्य चतुरसेन शास्त्री हिन्दी भाषा के एक महान उपन्यासकार थे। इनका अधिकतर लेखन ऐतिहासिक घटनाओं पर आधारित है। इनकी प्रमुख कृतियां गोली, सोमनाथ, वयं रक्षामः और वैशाली की नगरवधू इत्यादि हैं। आभा इनकी पहली रचना थी। इनके अतिरिक्त शास्त्रीजी ने प्रौढ़ शिक्षा, स्वास्थ्य, धर्म, इतिहास, संस्कृति और नैतिक शिक्षा पर कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी हैं।