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Dhuen Ki Lakir/धुएं की लकीर

Dhuen Ki Lakir/धुएं की लकीर

Kishore Sahu/किशोर साहू
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Paperback / Hardback

फिल्म-साहित्य के आकाश में चमकती हुई बिजली की एक रेखा! चोटी के लेखक-निर्देशक किशोर साहू की अत्यन्त श्रेष्ठ एवं लोकप्रिय रचना है यह। दो धड़कते हृदयों के अछूते प्यार की मधुर गाथा, जिन्हें कोई प्रलोभन न डगमगा सका। यह शाश्वत प्रेम की ऐसी कहानी है, जो सदियों तक याद की जाएगी। निस्संदेह इस कहानी ने लाखों लोगों को दिलों को छुआ है। अपने आप में अद्भुत कहानी जो भी पढ़ता है फिर पूरी पुस्तक पढ़े बिना नहीं रह पाता है। 

Imprint: Penguin Swadesh

Published: Dec/2023

ISBN: 9780143465355

Length : 128 Pages

MRP : ₹199.00

Dhuen Ki Lakir/धुएं की लकीर

Kishore Sahu/किशोर साहू

फिल्म-साहित्य के आकाश में चमकती हुई बिजली की एक रेखा! चोटी के लेखक-निर्देशक किशोर साहू की अत्यन्त श्रेष्ठ एवं लोकप्रिय रचना है यह। दो धड़कते हृदयों के अछूते प्यार की मधुर गाथा, जिन्हें कोई प्रलोभन न डगमगा सका। यह शाश्वत प्रेम की ऐसी कहानी है, जो सदियों तक याद की जाएगी। निस्संदेह इस कहानी ने लाखों लोगों को दिलों को छुआ है। अपने आप में अद्भुत कहानी जो भी पढ़ता है फिर पूरी पुस्तक पढ़े बिना नहीं रह पाता है। 

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Kishore Sahu/किशोर साहू

किशोर साहू एक प्रसिद्ध लेखक के साथ-साथ अभिनेता, फिल्म निर्देशक और निर्माता थे। वह 1937 और 1980 के बीच बाईस फिल्मों में दिखाई दिए। उन्होंने 1942 और 1974 के बीच बीस फिल्मों का निर्देशन किया। उन्होंने दिलीप कुमार को नदिया के पार में कामिनी कौशल के साथ निर्देशित किया, जो 1948 की छठी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बन गई। उनकी 1954 की फिल्म मयूरपंख ने 1954 के कान फिल्म फेस्टिवल में प्रवेश किया, जहॉं इसे महोत्सव के ग्रैंड पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। वह मीना कुमारी अभिनीत, दिल अपना और प्रीत पराई (1960) के लिए भी जाने जाते हैं। 

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