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Dhyanyog/ध्यानयोग

Dhyanyog/ध्यानयोग

Shri Chandraprabh/श्री चन्द्रप्रभ
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Paperback / Hardback

व्यक्ति के आंतरिक स्वास्थ्य, शांति और आनन्द के लिए योगासन, प्राणायाम और ध्यान अमृत के समान है। साधारण मनुष्य के लिए योग थोड़़ा कठिन है, पर निरंतर अभ्यास से योग स्वतः सध जाता है। ध्यान योग अंतर्मन की शांति और अतीन्द्रिय शक्तियों की ओर ले जाने वाला प्रवेश द्वार है। यह एक ऐसा आध्यात्मिक अभ्यास है, जिसे व्यक्ति र्धै्य और शांतिर्पू्वक बैठकर अपने आप के साथ किया करता है। ध्यान धरना अर्थात अंतर्मन में उतरकर शांति और आनंद की बांसुरी बजाना है। मन की शांति और स्थिरता का नाम ही ध्यान है। कभी ध्यान साधु-संन्यासी या योगी ही किया करते थे, लेकिन आज के तनाव भरे जीवन में सुख-शांति के लिए यह सबके लिए अनिर्वा्य-सा बन पड़़ा है। यदि आप बेहतर स्वास्थ्य, मानसिक शांति और आत्मविश्वास भरी ज़िंदगी को प्राप्त करना चाहते हैं तो श्री चन्द्रप्रभ जी की यह पुस्तक आपके लिए वरदान साबित हो सकती है। 

Imprint: Penguin Swadesh

Published: Mar/2024

ISBN: 9780143467175

Length : 152 Pages

MRP : ₹199.00

Dhyanyog/ध्यानयोग

Shri Chandraprabh/श्री चन्द्रप्रभ

व्यक्ति के आंतरिक स्वास्थ्य, शांति और आनन्द के लिए योगासन, प्राणायाम और ध्यान अमृत के समान है। साधारण मनुष्य के लिए योग थोड़़ा कठिन है, पर निरंतर अभ्यास से योग स्वतः सध जाता है। ध्यान योग अंतर्मन की शांति और अतीन्द्रिय शक्तियों की ओर ले जाने वाला प्रवेश द्वार है। यह एक ऐसा आध्यात्मिक अभ्यास है, जिसे व्यक्ति र्धै्य और शांतिर्पू्वक बैठकर अपने आप के साथ किया करता है। ध्यान धरना अर्थात अंतर्मन में उतरकर शांति और आनंद की बांसुरी बजाना है। मन की शांति और स्थिरता का नाम ही ध्यान है। कभी ध्यान साधु-संन्यासी या योगी ही किया करते थे, लेकिन आज के तनाव भरे जीवन में सुख-शांति के लिए यह सबके लिए अनिर्वा्य-सा बन पड़़ा है। यदि आप बेहतर स्वास्थ्य, मानसिक शांति और आत्मविश्वास भरी ज़िंदगी को प्राप्त करना चाहते हैं तो श्री चन्द्रप्रभ जी की यह पुस्तक आपके लिए वरदान साबित हो सकती है। 

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