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Ikigai (Hindi)/ Ikigai/इकिगाई

Ikigai (Hindi)/ Ikigai/इकिगाई

Har Pal Sarthak Aur Anandmay/हर पल सार्थक और आनंदमय

Yukari Mitsuhashi/युकारी मित्सुहाशी
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Paperback / Hardback

इकिगाई एक पारंपरिक जापानी अवधारणा है, जीवन जीने की कला सिखाती है। यह पुस्तक आपकी इकिगाई को खोजने, आपके उद्देश्य या जुनून को पहचानने और इस ज्ञान का उपयोग करके अपने जीवन में वृहत्तर खुशी हासिल करने के बारे में है। यह जरूरी नहीं है कि आपकी इकिगाई कोई बड़ी महत्वाकांक्षा या जीवन का कोई अति महान उद्देश्य हो : यह कुछ सरल और सादगी भरा हो सकता है, जैसे अपने बगीचे की देखभाल करना या अपने कुत्ते को घुमाना। जापान में पली-बढ़ी होने के कारण, युकारी मित्सुहाशी स्वयं ही इस बात को समझती हैं कि जापानी लोगों के लिए इकिगाई का क्या मतलब है। यह पुस्तक आपको अपने जीवन की हर छोटी बात पर ध्यान देने एवं रोजमर्रा के क्षणों का महत्व समझने के लिए प्रोत्साहित करती है क्योंकि आप अपनी खुद की इकिगाई को पहचानना सीख रहे होते हैं। इस पुस्तक में एथलीटों से लेकर लेखकों और व्यवसायियों तक अपनी इकिगाई को साझा करने वाले विभिन्न व्यक्तियों के केस अध्ययन शामिल हैं। अपने आश्चर्यजनक रूप से सरल दर्शन और मुक्तिदायक अवधारणाओं के साथ, यह खूबसूरती से प्रस्तुत पुस्तक एक मार्गदर्शक होगी जिसे आप बार-बार पढ़ना चाहेंगे। 

Imprint: Penguin Swadesh

Published: Dec/2023

ISBN: 9780143463825

Length : 112 Pages

MRP : ₹250.00

Ikigai (Hindi)/ Ikigai/इकिगाई

Har Pal Sarthak Aur Anandmay/हर पल सार्थक और आनंदमय

Yukari Mitsuhashi/युकारी मित्सुहाशी

इकिगाई एक पारंपरिक जापानी अवधारणा है, जीवन जीने की कला सिखाती है। यह पुस्तक आपकी इकिगाई को खोजने, आपके उद्देश्य या जुनून को पहचानने और इस ज्ञान का उपयोग करके अपने जीवन में वृहत्तर खुशी हासिल करने के बारे में है। यह जरूरी नहीं है कि आपकी इकिगाई कोई बड़ी महत्वाकांक्षा या जीवन का कोई अति महान उद्देश्य हो : यह कुछ सरल और सादगी भरा हो सकता है, जैसे अपने बगीचे की देखभाल करना या अपने कुत्ते को घुमाना। जापान में पली-बढ़ी होने के कारण, युकारी मित्सुहाशी स्वयं ही इस बात को समझती हैं कि जापानी लोगों के लिए इकिगाई का क्या मतलब है। यह पुस्तक आपको अपने जीवन की हर छोटी बात पर ध्यान देने एवं रोजमर्रा के क्षणों का महत्व समझने के लिए प्रोत्साहित करती है क्योंकि आप अपनी खुद की इकिगाई को पहचानना सीख रहे होते हैं। इस पुस्तक में एथलीटों से लेकर लेखकों और व्यवसायियों तक अपनी इकिगाई को साझा करने वाले विभिन्न व्यक्तियों के केस अध्ययन शामिल हैं। अपने आश्चर्यजनक रूप से सरल दर्शन और मुक्तिदायक अवधारणाओं के साथ, यह खूबसूरती से प्रस्तुत पुस्तक एक मार्गदर्शक होगी जिसे आप बार-बार पढ़ना चाहेंगे। 

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Yukari Mitsuhashi/युकारी मित्सुहाशी

युकारी लॉस एंजिल्स में रहने वाली एक स्वतंत्र पत्रकार एवं लेखिका हैं। वह टोक्यो में पली-बढ़ीं और अपने परिवार के साथ न्यूयॉर्क जाने से पहले उन्होंने अपना अधिकांश बचपन जापान में बिताया। 2004 में, कीयो विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद उन्होंने स्वतंत्र रूप से अनुवादक और लेखक के तौर पर कार्य करना आरंभ किया। उनका अधिकांश लेखन जापानी भाषा में है, लेकिन इतना लोकप्रिय है कि दुनिया की अनेक भाषाओं में अनुवाद हुआ है। 

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