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Itihas Ki Thali / इतिहास की थाली

Itihas Ki Thali / इतिहास की थाली

Animesh Mukharjee / अनिमेष मुखर्जी
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Paperback / Hardback

कोलंबस भारत नहीं आ सका, लेकिन उसके चक्कर में आलू आ गया और उस आलू ने हमारी आबादी को जिस रफ़्तार से बढ़ाया कि दुनिया देखती रह गई। ईसाई पादरी ‘क्रिसमस नहीं मनाएँगे’, कहते रह गए मगर बाज़ार ने उसे दुनिया का त्योहार बना डाला। कभी हीर और रांझे की प्रेम कहानी ने बासमती को अमेरिका की संपत्ति बनने से बचा लिया, तो कहीं परंपरा के नाम पर महिलाओं का पोषण ही रोक दिया गया। कभी एक फ़ास्टफ़ूड कंपनी ने कहा कि फ़ेमिनिस्ट होने का मतलब है खाना न पकाना, तो कभी केलों के व्यापार ने सरकारों को तानाशाह बना दिया। अगर अब्राहम लिंकन की वजह से बंबई को उसकी पावभाजी मिली, तो कोला कंपनियों ने खेल को धर्म और खिलाड़ियों को भगवान बनाया। रोटियों से क्रांति करने और नमक से सत्ता गिराने वाले देश में इतिहास की थाली इन तमाम घटनाओं के साथ-साथ, बिरयानी से लेकर 1947 के बँटवारे तक को एक नई नज़र से देखने की क्षमता देती है। क्योंकि हमारे हर निवाले में स्वाद के साथ-साथ इतिहास, व्यापार, संस्कृति, पहचान और साज़िशों की पूरी दुनिया छिपी होती होती है।

Imprint: Penguin Swadesh

Published: Jan/2026

ISBN: 9780143478386

Length : 216 Pages

MRP : ₹299.00

Itihas Ki Thali / इतिहास की थाली

Animesh Mukharjee / अनिमेष मुखर्जी

कोलंबस भारत नहीं आ सका, लेकिन उसके चक्कर में आलू आ गया और उस आलू ने हमारी आबादी को जिस रफ़्तार से बढ़ाया कि दुनिया देखती रह गई। ईसाई पादरी ‘क्रिसमस नहीं मनाएँगे’, कहते रह गए मगर बाज़ार ने उसे दुनिया का त्योहार बना डाला। कभी हीर और रांझे की प्रेम कहानी ने बासमती को अमेरिका की संपत्ति बनने से बचा लिया, तो कहीं परंपरा के नाम पर महिलाओं का पोषण ही रोक दिया गया। कभी एक फ़ास्टफ़ूड कंपनी ने कहा कि फ़ेमिनिस्ट होने का मतलब है खाना न पकाना, तो कभी केलों के व्यापार ने सरकारों को तानाशाह बना दिया। अगर अब्राहम लिंकन की वजह से बंबई को उसकी पावभाजी मिली, तो कोला कंपनियों ने खेल को धर्म और खिलाड़ियों को भगवान बनाया। रोटियों से क्रांति करने और नमक से सत्ता गिराने वाले देश में इतिहास की थाली इन तमाम घटनाओं के साथ-साथ, बिरयानी से लेकर 1947 के बँटवारे तक को एक नई नज़र से देखने की क्षमता देती है। क्योंकि हमारे हर निवाले में स्वाद के साथ-साथ इतिहास, व्यापार, संस्कृति, पहचान और साज़िशों की पूरी दुनिया छिपी होती होती है।

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Animesh Mukharjee / अनिमेष मुखर्जी

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