चंचल चमकने वाली बिजली पृथ्वी-तल से थोड़े ही निकला करती है, अर्थात उत्तम वस्तु की उत्पत्ति उच्च स्थान से ही होती है।’— कालिदास
यह कहा था कालिदास ने, जो उन्हीं पर लागू होता है। सचमुच वह ऐसे ही स्थान से आए और बिजली की तरह सारे संसार में चमके। कालिदास की विश्व के महान कवियों में गिनती होती है। उनकी रचनाओं से दुनिया-भर के करोड़ों पाठक परिचित हैं, जिनका अनुवाद अनेक भाषाओं में हुआ। उन्हीं के जीवन और रचनाओं पर आधारित उपन्यास है यह।
कहते हैं, वे चरवाहा थे और इतने भोले थे कि जिस शाखा पर बैठे, उसी को काटने लगे, तो उन्हें महामूर्ख कह दिया गया। पत्नी को इसके बारे में पता चला, तो उन्हें बुरी तरह प्रताड़ित किया और घर से भी निकाल दिया। हताश-निराश कालिदास आख़िर करते, तो क्या? लेकिन जब उन्हें कालीदेवी का वरदान मिला और वे सचमुच विद्वान बन गए, तो सारा संसार चकित रह गया।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Apr/2025
ISBN: 9780143474111
Length : 248 Pages
MRP : ₹399.00