
शहीद-ए-आजम भगत सिंह सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि एक उग्र विचार, गहन अध्ययन और अटूट बलिदान का प्रतीक हैं। यह किताब भगत सिंह के व्यापक जीवन को एक अद्वितीय और भावनात्मक दस्तावेज़ीकरण के माध्यम से प्रस्तुत करती है। इसमें उनके जीवन के हर पहलू को उन लोगों की आँखों से देखा गया है, जो उनके सबसे करीब थे। इसमें उनके माता-पिता और रिश्तेदारों की ममतामयी स्मृतियाँ हैं जो उनके बचपन की मासूमियत और पारिवारिक मूल्यों को दर्शाती हैं। शिव वर्मा और दुर्गा भाभी जैसे क्रांतिकारी मित्रों के साथ साझा किए गए सपने, संगठन की रणनीतियाँ और जेल के भीतर हुई उनकी बौद्धिक बहसों का विस्तृत लेखा-जोखा भी इस किताब का हिस्सा है। साथ ही महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और अन्य समकालीन राजनेताओं के विचार भी हैं, जो उनकी शहादत के बाद भगत सिंह के राजनीतिक और दार्शनिक महत्त्व को स्थापित करते हैं। बचपन की शरारतों से लेकर नास्तिकता और समाजवादी दर्शन की ओर उनका झुकाव; असेंबली में बम फेंकने का दुस्साहस और “इंकलाब जिंदाबाद” का नारा—यह कृति उनके ऐतिहासिक महत्त्व के साथ-साथ उनके मानवीय पक्ष को भी उजागर करती है।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Jan/2026
ISBN: 9780143478416
Length : 336 Pages
MRP : ₹350.00