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Pankh Diye Aakash Na Doge / पंख दिए आकाश न दोगे

Pankh Diye Aakash Na Doge / पंख दिए आकाश न दोगे

Mahakavi Sethia Ki Pratinidhi Kavitayen / महकवि सेठिया की प्रतिनिधि कविताएँ

Kanhaiyalal Sethia / कन्हैयालाल सेठिया
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Paperback / Hardback

राजस्थान के जनकवि कन्हैयालाल सेठिया हिंदी और राजस्थानी साहित्य के ऐसे स्वर हैं जिनकी कविताएँ लोक की आत्मा से उपजी हैं। इस संकलन में उनकी वे चुनिंदा रचनाएँ शामिल हैं जो मानवीय संवेदना, देशप्रेम, सामाजिक चेतना और प्रकृति की सुंदरता का सजीव चित्र प्रस्तुत करती हैं। उनकी कविताओं में रेगिस्तान की तपती रेत भी है और मनुष्य की अटूट आस्था की ठंडी छाया भी। सहज भाषा, गहरी भावनाएँ और लोक-सुगंध से भरपूर यह चयन पाठकों को जीवन के विविध रंगों से रूबरू कराता है।
“कविता उनके लिए केवल शब्द नहीं, जीवन का संगीत है।”

Imprint: Penguin Swadesh

Published: Jan/2026

ISBN: 9780143481324

Length : 216 Pages

MRP : ₹399.00

Pankh Diye Aakash Na Doge / पंख दिए आकाश न दोगे

Mahakavi Sethia Ki Pratinidhi Kavitayen / महकवि सेठिया की प्रतिनिधि कविताएँ

Kanhaiyalal Sethia / कन्हैयालाल सेठिया

राजस्थान के जनकवि कन्हैयालाल सेठिया हिंदी और राजस्थानी साहित्य के ऐसे स्वर हैं जिनकी कविताएँ लोक की आत्मा से उपजी हैं। इस संकलन में उनकी वे चुनिंदा रचनाएँ शामिल हैं जो मानवीय संवेदना, देशप्रेम, सामाजिक चेतना और प्रकृति की सुंदरता का सजीव चित्र प्रस्तुत करती हैं। उनकी कविताओं में रेगिस्तान की तपती रेत भी है और मनुष्य की अटूट आस्था की ठंडी छाया भी। सहज भाषा, गहरी भावनाएँ और लोक-सुगंध से भरपूर यह चयन पाठकों को जीवन के विविध रंगों से रूबरू कराता है।
“कविता उनके लिए केवल शब्द नहीं, जीवन का संगीत है।”

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