इस उपन्यास में निम्न मध्यवर्ग की उत्पीड़ित नारी का दुख-दर्द उकेरा गया है। इस उपन्यास में स्त्री-पुरुष के रिश्ते को आत्मा की सघन गहराइयों से माप लेने का द्वंद्व नहीं है, बल्कि सहज ही स्वीकार कर लेने का भाव है। इसमें शेखर, ललिता और गिरीन्द्र के बीच प्रेम के रिश्ते बदलने की एक अद्भुत एवं मार्मिक दास्तान उकेरी गई है। इस कारण यह गूढ़ प्रेम की एक अमर कृति मानी जाती है।
इस उपन्यास का अनुवाद श्रीरामनाथ सुमन ने किया है।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: May/2025
ISBN: 9780143476276
Length : 144 Pages
MRP : ₹175.00