सद्गति कहानी सवर्ण द्वारा अछूत पर किए गए अत्याचार का मार्मिक चित्र प्रस्तुत करती है। दुक्खी अपने पुत्र के विवाह के लिए शुभ लग्न निकलवाने पंडित जी के घर जाता है। पंडित उसे लकड़ी फाड़ने के काम पर लगा देता है। भूख और प्यास से छटपटाता हुआ दुक्खी वहीं ढेर हो जाता है और पंडित जी भोर में उसके पाँव में रस्सी बाँधकर गाँव के बाहर फेंक देते हैं और लौटकर अपने शुद्धिकरण में लग जाते हैं।
इसी के साथ इस संग्रह में प्रेमचंद की अन्य श्रेष्ठ कहानियाँ भी दी गई हैं, जो प्रेरक भी हैं और बेहद रोचक भी। सभी कहानियाँ सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ सशक्त आवाज़ उठाने की शक्ति रखती हैं।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Jul/2025
ISBN: 9780143477167
Length : 208 Pages
MRP : ₹199.00