विश्व के महान कथा-शिल्पी प्रेमचंद ने अपने नाटक संग्राम में जमींदार और किसान की शाश्वत समस्या को उजागर किया है। सबलसिंह एक जमींदार है, जो अपने छल-बल से गरीब किसान हलधर को जेल भिजवाकर उसकी नवेली सुंदर पत्नी राजेश्वरी को अपना बनाना चाहता है।
राजेश्वरी यह सब जानती है और अपमान का बदला लेने खुद ही जमींदार के पास पहुँचती है। सबल सिंह जब अपना वासनायुक्त प्रेम प्रकट करता है, तब वह सबकुछ बता देती है। जीत नारी की होती है और जमींदार का घर बर्बाद हो जाता है।
इसी संग्रह की एक अन्य कृति प्रेम की वेदी भी एक सशक्त रचना है, जिसमें प्रेम के शाश्वत सत्य को उद्घाटित किया गया है।
कथा-सम्राट के गौरव से विभूषित संसार के अग्रणी कथाकारों में प्रतिष्ठित प्रेमचंद की ये कृतियाँ संपूर्ण रूप से प्रामाणिक मूल पाठ हैं।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Jul/2025
ISBN: 9780143477181
Length : 244 Pages
MRP : ₹250.00