
वैश्रवणी रावण की बहन एवं विद्युतजिह्वा की धर्मपत्नी थी। शादी के कुछ ही दिन बाद यह विधवा हो गई थी। यह राम से पुनर्विवाह करना चाहती थी, लेकिन राम और लक्ष्मण दोनों ने ही इससे विवाह करने से इनकार कर दिया। वैश्रवणी ने सोचा कि यह सब सीता के कारण हुआ तो, जब इन्होंने सीता पर हमला किया तो लक्ष्मण ने इनके नाक-कान काटकर इन्हें कुरूप बना दिया।
यह उपन्यास इन्हीं वैश्रवणी के जीवन पर आधारित है। मूलतः यह उपन्यास उड़िया भाषा में लिखा गया और बेस्टसेलर रहा। 2010 में साहित्य अकादमी पुरस्कार के अलावा इस कृति को कई अन्य पुरस्कार मिल चुके हैं।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Jul/2025
ISBN: 9780143477211
Length : 164 Pages
MRP : ₹199.00