ज़िंदगी सामाजिक मनोभूमि पर लिखा गया एक पारिवारिक उपन्यास है। इसके केंद्रीय पात्र हैं—गोपीशाह। वे एक बड़े परिवार के मुखिया हैं। परिवार के अधिकांश सदस्य भौतिक दृष्टिवादी हैं। परिणामतः उनका जीवन या तो अति सुख में बीतता है या अति दुःख में। गोपीशाह का कहना है कि वास्तविक जीवन सुख-दुःख से ऊपर की वस्तु है और ऐसा जीवन तभी जिया जा सकता है, जब वह योजनाबद्ध हो। साथ ही उसमें दुःखी के दुःख निवारण की भावना स्वार्थरहित हो। ज़िंदगी का यही निचोड़ प्रस्तुत उपन्यास का कथ्य है।
उपन्यास में चरित्र और घटनाओं का ऐसा अपूर्व समन्वय हुआ है कि दोनों ही प्रधान हो उठे हैं और दोनों की प्रधानता में ही एक अनूठे-जीवन रस का संचार हो रहा है। हमारा विश्वास है, ज़िंदगी का यह जीवन-रस वर्तमान तथा भावी पीढ़ी के लिए प्रेरक सिद्ध होगा।
Imprint: Penguin Swadesh
Published: Jul/2025
ISBN: 9780143477235
Length : 248 Pages
MRP : ₹299.00