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Kahani Khatam Ho Gai/कहानी ख़त्म हो गई

आधुनिक युग के सर्वश्रेष्ठ गल्पकार आचार्य चतुरसेन की सम्पूर्ण कहानियों को सिलसिलेवार एक साथ प्रकाशित करने की योजना के अन्तर्गत 5 भागों में संकलित किया गया है। इन संकलनों की यह विशेषता है कि ये कहानियाँ सर्वथा प्रामाणिक मूल – पाठ हैं, जो सभी पाठकों के साथ-साथ हिन्दी कहानियों के अध्येताओं और शोधार्थियों के लिए भी महत्त्वपूर्ण हैं। ‘कहानी ख़त्म हो गई’ सम्पूर्ण कहानियों की श्रृंखला की पाँचवीं एवं अंतिम कड़ी है। इसमें 24 कहानियाँ दी गई हैं, जो चतुरसेन के लेखन के शिखर को रेखांकित करती हैं। 

Soya Hua Shahar/सोया हुआ शहर

आचार्य चतुरसेन की सम्पूर्ण कहानियों को पाँच भागों में प्रकाशित करने के सिलसिले की यह चौथी कड़ी है। उनकी कहानियाँ विविध विषयों में फैली हुई हैं। ‘सोया हुआ शहर’ में यह विभाजन इस प्रकार है – सोया हुआ शहर, ताज मुगलकालीन।
• दे ख़ुदा की राह पर, कमल किशोर, सुखदान सामाजिक।
• शर्मा जी, पंडित छोटेलाल, चैधरी संस्मरणात्मक।
• जापानी दासी, तिकड़म, चिट्ठी की दोस्ती कौतुक प्रधान।
• राजा साहब के प्राइवेट सेक्रेटरी, राजा साहब की कुतिया, राजा साहब की पतलून सामंतकालीन।
• चैथी भांवर, घोड़ी का मोल – तोल, राज्यों की चैसर वीरता प्रधान।
• हैदरअली, विश्वासघात, दिल्ली दरबार में शिवाजी राजे ऐतिहासिक।
• कैदी, दियासलाई की डिबिया, अब्बाजान, मनुष्य का मोल भावप्रधान।
• जीजाजी, प्लेंचेट, दण्ड, सविता, रोगी – परीक्षा समस्याप्रधान।
• बहन तुम कहाँ, मैं तुम्हारी आँखों को नहीं, तुम्हें चाहता हूँ पारिवारिक।  

Adbhut Manav/अद्भुत मानव

‘मेरी सारी हिम्मत समाप्त हो गई। मेरी सामर्थ्य अब इतनी भी नहीं रही कि मैं यान को अपने नियंत्रण में रख सकूं उस क्षण, मेरी प्यारी लिज़ा, बस तुम्हारी स्मृति मेरे मस्तिष्क में थी, मैंने पृथ्वी को और जीवन को नमस्कार किया। मेरी चेतना धीरे-धीरे लुप्त हो गई और मैंने जाना कि मेरी मृत्यु हो गई।’
लिज़ा ने कांपते हाथों सेज़ोरोवस्की का हाथ पकड़ लिया और एक सिसकारी उसके कण्ठ से निकल पड़ी। फिर वह ज़ोरोवस्की की गोद में गिरकर फफक-फफक कर रो पड़ी।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी आचार्य चतुरसेन का एक वैज्ञानिक उपन्यास, जिसमें उन्होंने परमाणु शक्ति की कल्पनातीत क्षमताएँ अंतरिक्ष में मानव की उड़ान तथा दुरूह ध्रुवीय प्रदेश की साहसिक यात्रा का बड़ा ही रोमांचक चित्र प्रस्तुत किया है। इसे पढ़ते-पढ़ते, निश्चय ही आप एक विचित्र लोक में भ्रमण करने लगेंगे। 

Bahate Aansu/बहते आँसू

टूटती रात मे उन्हें कुछ झपकी आई थी, कि एक हृदय वेधी चित्कार से उनकी नींद टूट गई। चौपाल पर जो दो चार व्यक्ति सो रहे थे, वे उठकर बैठ गए। एक ने कहा- मालूम होता है उसका लड़का चल बसा। गज़ब हो गया, पहाड़ टूट पड़ा। आसार तो कल ही से अच्छे न थे, अब न जिएगा। बहते आँसू नारी के दिल की चीत्कार की एक ऐसी कहानी है, जो आपके मन और आत्मा तक को झकझोर कर रख देगी। 

Chingariyan/चिंगारियाँ

प्रथम स्वाधीनता संग्राम में, अंग्रेज़ों की सत्ता उलटने के लिए, पूरे देश में जागृति की एक प्रबल लहर दौड़ गई। शत्रुओं को भारतीय शूरों की वीरता व देशभक्ति का लोहा मानना पड़ा — वे उनके नाम से कांपत थे, पर फिर क्या कारण थे कि राष्ट्रीय शक्तियों को अंग्रेजों के सामने पराजय का मुँह देखना पड़ा? इस उपन्यास में मुख्यतया दिल्ली, झांसी और कानपुर के आजादी पाने के संघर्षों का मर्मस्पर्शी चित्रण है। 

Dada/दादा

समाज में ‘दादा’ कहलाने वाले व्यक्तियों से प्रायः लोग भयभीत रहते हैं। परन्तु लोकप्रिय उपन्यासकार आचार्य चतुरसेन के इस उपन्यास का ‘दादा’ एक ऐसा चरित्र है, जो अपने कारनामों से लोगों को आतंकित तो करता है, परन्तु मौका पड़ने पर किसी की सहायता के लिए जान पर भी खेल जाता है। कोई व्यक्ति प्रेम के लिए क्या कुछ कर सकता है, ‘दादा’ इसका अन्यतम उदाहरण है। इसके अतिरिक्त इस पुस्तक में आचार्यजी की कुछ ऐसी चुनी हुई कहानियां भी हैं, जिनका कथानक आपको मंत्रमुग्ध कर देगा। 

Duniya Rang Rangili/दुनिया रंग-रंगीली

यह एक दार्शनिक का यात्रा-वर्णन है, जो विचारों एवं भावनाओं को उद्वेलित करता है। इसमें अमेरिका का सूक्ष्म एवं तलस्पर्शी निरीक्षण तो है ही, लेकिन भारतीय जीवन में जो कुछ शाश्वत एवं उदात्त है, उसका भी प्रभावोत्पादक निरूपण है। इस पुस्तक की भाषा अत्यंत सरल एवं रोचक है। एक बार पढ़ेंगे तो बार-बार पढ़ने का मन करेगा। 

Hriday Ki Parakh/हृदय की परख

हृदय की परख आचार्य चतुरसेन का एक उत्कृष्ट सामाजिक उपन्यास है, इसमें एक रहस्यमयी नवयुवती की मार्मिक जीवन-गाथा है, जो समाज के लिए दर्पण है। किसी मनुष्य के हृदय में जब प्यास-सी उठती है, तो अजीब तरह की बेचैनी और छटपटाहट होने लगती है। मन चंचल होने लगता है और इसी के साथ शुरू होता है।
बहकना-भटकना। आचार्य चतुरसेन ने इसी मनोवैज्ञानिक सत्य को रोचक ढंग से हृदय की प्यास की कथा में मोती की तरह पिरोया है। यह कृति युवा मन को समझने का भी प्रयास करती है। 

Bose (Hindi)/Subhash Babu/सुभाष बाबू

आम लोग सुभाष चंद्र बोस के गांधी से मतभेद और जर्मनी व जापान की मदद से द्वितीय विश्वयुद्ध में भारत को आज़ाद करवाने के प्रयासों के बारे में जानते हैं। लेकिन अब जो सूचनाएँ सामने आ रही हैं, वो बताती हैं कि उनके देश भर के क्रांतिकारियों से कैसे संबंध थे और अध्यात्म और खुफिया मिशनों से उनको कितना लगाव था। साथ ही, उन्होंने ब्रिटिश भारतीय सेना में विद्रोह पैदा करवाने के क्या-क्या प्रयास किए थे।
प्रश्न यह है कि क्या बोस वाकई नाजियों से सहानुभूति रखते थे? उन्होंने अपनी राजनीतिक छवि दांव पर क्यों लगाई? ऐसे ही कई सवालों के जवाब सुभाष बाबू नाम की यह पुस्तक देती है। 

All Your Stranger (Hindi)/Saath Rehna, Ajnabi/साथ रहना, अजनबी

हिया चौधुरी के स्क्रैपबुक के डीटेल जानने के बाद रिवाना के पैरों के नीचे से ज़मीन खिसक जाती है। हिया की मौत और रिवाना के बुरे सपनों के बीच की समानताएँ उसकी रातों की नींद उड़ा देती हैं। रिवाना तुरंत कोलकाता के लिए टिकट बुक करा लेती है। उसे हिया के घर जाकर उसकी मौत का सच पता करना ही होगा। हिया चैधुरी के बहाने आख़िर अजनबी उसे क्या बताना चाहता है? आख़िर वो उससे चाहता क्या है? रिवाना अब इन सवालों के जवाबों का इंतज़ार नहीं करती, लेकिन उसकी ये खोज क्या उसे अजनबी के बनाए हुए किसी नए चक्रव्यूह में ले जाएगी? इस रास्ते पर चलते हुए रिवाना को अपने ही बारे में और कौन से गहरे राज़ पता चलेंगे. . . क्या इससे उसे बाहर निकलने का रास्ता मिलेगा या वो हमेशा के लिए बर्बाद हो जाएगी। 

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