शरत् बाबू मस्तिष्क से अधिक हृदय को छूते हैं। ममतामयी नारी की वेदना का तो उन्होंने ऐसा हृदय-द्रावक चित्र अपनी कृतियों में प्रस्तुत किया है कि पाठक को बरबस रुलाई आ जाती है। न जाने पीड़ा से उन्हें क्यों इतना प्यार है। वे पात्रों के दुख-दर्द को पाठक के हृदय में उतार देते हैं। मंझली दीदी-बड़ी दीदी उनकी ऐसी ही मार्मिक रचना है। इस कहानी पर एक उत्कृष्ट फिल्म का निर्माण मंझली दीदी के नाम से हो चुका है।
Catagory: Fiction
Fiction main category
The Midnight Library (Special Hardcover Edition with Sprayed Edges)
THE SUNDAY TIMES NUMBER ONE BESTSELLING WORLDWIDE PHENOMENON
READERS’ MOST LOVED BOOK OF 2021
WINNER OF THE GOODREADS CHOICE AWARD FOR FICTION
‘BEAUTIFUL’ Jodi Picoult, ‘UPLIFTING’ i, ‘BRILLIANT’ Daily Mail, ‘AMAZING’ Joanna Cannon,
‘ABSORBING’ New York Times, ‘THOUGHT-PROVOKING’ Independent
Nora’s life has been going from bad to worse. Then at the stroke of midnight on her last day on earth she finds herself transported to a library. There she is given the chance to undo her regrets and try out each of the other lives she might have lived. Which raises the ultimate question: with infinite choices, what is the best way to live?
BEST OF VINTAGE CLASSICS COLLECTION (5 BOOKS BOX SET)
A beautifully designed slipcase containing five of the greatest novels ever written in English.
The Best of Vintage Classics Collection is a boxset of five of the greatest novels ever written in English. Discover a satire of the madness of war, a genre-bending literary quest, a visionary dystopia, a tortured love affair and a gangster thriller – all the finest examples of their genre. This is a selection of must-read classic books.
Contains:
Catch-22 by Joseph Heller
Brave New World by Aldous Huxley
If On A Winter’s Night A Traveller by Italo Calvino
Brighton Rock by Graham Greene
Of Human Bondage by W. Somerset Maugham
Koi Shikayat Nahin/कोई शिकायत नहीं
‘मैं केवल यह कहना चाहती थी कि आप मेरा शरीर ले सकते हैं, लेकिन मेरा मन नहीं ले सकते, यह कभी आपका न हो सकेगा।’ नवेली वधू के मुख से ये शब्द सुनकर हरिदत्त की जो दशा हुई, उसे बयान नहीं किया जा सकता, उसने उफ तक न की, लेकिन उसने वह कर दिखाया, जो आज तक न कभी देखा था, न सुना था।
मनुष्य क्या से क्या हो सकता है, इस उपन्यास में यह बहुत ही कुशलता के साथ दर्शाया गया है।
Ek Kadam Aage Do Kadam Peche/एक कदम आते दो कदम पीछे
दत्त भारती ने अपने इस मार्मिक उपन्यास में समाज में धीरे-धीरे शामिल हो रही कुरीतियों को आधार बनाया है। इसकी कहानी पाठक को सोचने के लिए विवश करती है और साथ ही गर्त की ओर अग्रसर समाज का यथार्थवादी चित्रण दर्शाता है कि हम विकास नहीं विनाश की ओर बढ़ रहे हैं। धन के लिए मुनष्य किस स्तर तक गिर जाता है, यह इस उपन्यास में स्पष्ट कयि गया है।
Jharokha/झरोखा
अक्षय एक ऐसा पत्रकार था, जो गरीबी की खाई से उठकर अपनी मेहनत और ईमानदारी से प्रसिद्धि की बुलंदियों तक पहुंचा। स्मृति एक ऐसी औरत थी जिसके रोम-रोम में प्यार बसा था, लेकिन उसे न अपने आप पर भरोसा था और न दूसरे पर भी। खोजी पत्रकार को क्या कुछ त्याग करना पड़ता है यह इस उपन्यास में दर्शाया गया है साथ ही इसमें प्रेम एवं घृणा की ऐसी दास्तान भी है जो हर किसी के रोंगटे खड़ी कर देती है।
Aag Aur Gulab/आग और गुलाब
गुलाब का रंग दहकती हुई आग के समान होता है, और आग का रंग भी गुलाब के रंग जैसा ही होता है; किन्तु दोनों के प्रभाव में धरती-आसमान का अंतर होता है। गुलाब में ठंडक, ताज़गी और कोमलता होती है, जबकि धधकती हुई ज्वाला विनाश का हाहाकारी रूप धारण कर लेती है। प्रेम बाजपेयी का वह रोमांचक उपन्यास, जिसकी घटनाएंॅ आप कभी भूल नहीं सकेंगे। एक ऐसी नारी की जीवन-कथा, जो गुलाब के मानिन्द थी, किन्तु उसके भीतर आग के शोले धधक रहे थे। बेहद आसान भाषा में लिखा गया यह उपन्यास जितना रोचक है, इसकी लेखनशैली भी उतनी ही दमदार है।
Suhaginen/सुहागिनें
क्या यह सच है कि सारे संसार में विवाह नाम की संस्था अंदर से बिल्कुल टूट चुकी है? क्या आने वाले कल में स्त्री और पुरुष के संबंध इस बंधन से मुक्त होकर ही विकसित होंगे? कल की बात तो कल सामने आएगी, परन्तु आज की जो भी वास्तविकता है, उसका चित्रण आपको विख्यात आधुनिक कथाकार श्री मोहन राकेश की इन कहानियों में मिलेगा।
आज का विवाहित जीवन जी रही नारी की विडंबनाओं, मानसिक हलचलों और विभिन्न स्तरों पर उसके संर्घ्ष की कुछ गहन और आत्मीय तसवीरें हैं ये कहानियॉं। ये उन सुहागिनों की कहनिया ँ हैं जिनकी ज़िंदगी आज के संर्द्भ में एक प्रश्न चिह्न बनती जा रही है। यह एक नवीन जीवन की झाँकी प्रस्तुत करनेवाली कथा-कृति है, जिसमें र्व्तमा न समय के सामाजिक जीवन की जीवंत झलक के दर्शन होते हैं। इन कहानियों के पात्रों के मनोभावों का सूक्ष्म विश्लेषण पाठकों पर अपना गहरा प्रभाव छोड़ जाते हैं।
Dhuen Ki Lakir/धुएं की लकीर
फिल्म-साहित्य के आकाश में चमकती हुई बिजली की एक रेखा! चोटी के लेखक-निर्देशक किशोर साहू की अत्यन्त श्रेष्ठ एवं लोकप्रिय रचना है यह। दो धड़कते हृदयों के अछूते प्यार की मधुर गाथा, जिन्हें कोई प्रलोभन न डगमगा सका। यह शाश्वत प्रेम की ऐसी कहानी है, जो सदियों तक याद की जाएगी। निस्संदेह इस कहानी ने लाखों लोगों को दिलों को छुआ है। अपने आप में अद्भुत कहानी जो भी पढ़ता है फिर पूरी पुस्तक पढ़े बिना नहीं रह पाता है।
Nirmal Verma Ka Shreshth Laghu Upanyas Parinde/निर्मल वर्मा का श्रेष्ठ लघु उपन्यास परिन्दे
‘. . . शायद जूली का यह प्रथम परिचय हो उस अनुभूति से, जिसे कोई भी लड़की बड़े चाव से संजोकर, संभालकर अपने में छिपाए रहती है। एक अर्न्विचनीय सुख, जो पीड़ा लिए, पीड़ा और सुख को डुबोती हुई उमड़ते ज्वार की खुमारी जो दो जनों को अपने में समा लेती है . . . एक दर्द, जो आनंद से उपजा है और पीड़ा देता है।’
यह बहुत ही महीन मानवीय अनुभूतियों की एकदम जीवंत तथा अत्यंत मर्मस्पर्शी कथा है। आधुनिक हिन्दी कथाकारों में र्स्ववाधिक चर्चित लेखक निर्मल वर्मा की बहुचर्चित तथा प्रसिद्ध कथा-कृति, जो किसी भी संवेदनशील पाठक को भरपूर रसास्वादन कराने में पूरी तरह समर्थ है।
